हिंदू धर्म में नक्षत्रों का विशेष महत्व है, खासकर जब शुभ कार्यों के लिए मुहूर्त निकालने की बात आती है। नक्षत्र, चंद्रमा की स्थिति के आधार पर, शुभ और अशुभ समय को दर्शाते हैं। सही नक्षत्र के आधार पर मुहूर्त निकालने से कार्य में सफलता की संभावना बढ़ जाती है।
अधिक पढ़ेंज्योतिष शास्त्र में वार (सप्ताह के दिन) का बहुत बड़ा महत्व है। हर वार का संबंध एक ग्रह से होता है, और उसी आधार पर शुभ या अशुभ मुहूर्त का निर्धारण किया जाता है। हर वार के साथ संबंधित ग्रह उस दिन किए जाने वाले कार्यों पर सकारात्मक या नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। इसलिए किसी विशेष कार्य को करने से पहले उस दिन का वार और उससे संबंधित शुभ मुहूर्त का विचार करना आवश्यक होता है।
अधिक पढ़ेंज्योतिष शास्त्र में हर तिथि का अपना विशेष महत्व होता है। यदि किसी कार्य को सही तिथि पर किया जाए, तो वह कार्य बिना बाधा के सफल होता है। अतः अपनी आवश्यकताओं के अनुसार उपयुक्त तिथि चुनकर कार्य करने से सफलता सुनिश्चित होती है।
अधिक पढ़ेंकेतु एक गूढ़ और रहस्यमयी ग्रह है, जो व्यक्ति को जीवन के गहरे अर्थ और आध्यात्मिक उन्नति की ओर ले जाने का कार्य करता है। इसका प्रभाव भौतिक सुखों से दूर ले जाकर आत्मा की शांति और मुक्ति की दिशा में बढ़ने के लिए प्रेरित करता है। कुंडली में इसकी स्थिति और दशा के आधार पर यह व्यक्ति के जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है, चाहे वह आध्यात्मिक हो या मानसिक स्तर पर।
अधिक पढ़ेंवेदिक ज्योतिष में राहु का विशेष स्थान है। इसे एक छाया ग्रह माना जाता है क्योंकि इसका कोई भौतिक अस्तित्व नहीं है, लेकिन इसके प्रभाव अत्यधिक शक्तिशाली और गहरे होते हैं। राहु को ऐसे ग्रह के रूप में जाना जाता है जो भ्रम, अस्थिरता और अनिश्चितता का कारक है। यह किसी व्यक्ति के जीवन में मानसिक भ्रम, लालच, अप्रत्याशित घटनाओं, और भौतिक सुखों की तीव्र आकांक्षा को प्रभावित करता है।
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