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नक्षत्र के अनुसार शुभ मुहूर्त का निर्धारण

नक्षत्र के अनुसार शुभ मुहूर्त का निर्धारण

हिंदू धर्म में नक्षत्रों का विशेष महत्व है, खासकर जब शुभ कार्यों के लिए मुहूर्त निकालने की बात आती है। नक्षत्र, चंद्रमा की स्थिति के आधार पर, शुभ और अशुभ समय को दर्शाते हैं। सही नक्षत्र के आधार पर मुहूर्त निकालने से कार्य में सफलता की संभावना बढ़ जाती है। आइए जानें कि नक्षत्र के अनुसार मुहूर्त कैसे देखा जाता है:

1. नक्षत्र का परिचय

नक्षत्रों को 27 भागों में बांटा गया है, जो चंद्रमा की गति के अनुसार निर्धारित होते हैं। हर नक्षत्र का अपना स्वामी होता है और उसका प्रभाव विशेष कार्यों पर पड़ता है। उदाहरण के लिए, अश्विनी, मृगशिरा, पुनर्वसु जैसे नक्षत्रों को शुभ माना जाता है।

2. मुहूर्त का निर्धारण कैसे होता है?

  • पंचांग से जानकारी प्राप्त करें: पंचांग में नक्षत्र की स्थिति और चंद्रमा की चाल के बारे में जानकारी होती है।
  • शुभ और अशुभ नक्षत्र: पंचांग में नक्षत्र की स्थिति के आधार पर आप यह देख सकते हैं कि कौन से नक्षत्र शुभ माने जाते हैं। जैसे कि विवाह, गृह प्रवेश, और नामकरण के लिए कुछ नक्षत्र विशेष रूप से शुभ माने जाते हैं।
  • विशेष कार्यों के लिए नक्षत्र: प्रत्येक कार्य के लिए अलग-अलग नक्षत्र शुभ होते हैं। उदाहरण के लिए, शादी के लिए रोहिणी और हस्त नक्षत्र शुभ होते हैं जबकि यात्रा के लिए पुनर्वसु और पुष्य नक्षत्र उत्तम माने जाते हैं।

3. नक्षत्र और चंद्रमा का महत्व

चंद्रमा की स्थिति और उसका नक्षत्र में होना कार्य के सफल होने या बाधा उत्पन्न करने का मुख्य कारक माना जाता है। इसलिए चंद्रमा जिस नक्षत्र में होता है, उसे ध्यान में रखते हुए मुहूर्त तय किया जाता है।

4. मुहूर्त निकालने के तरीके

  • कार्य की प्रकृति: जैसे विवाह, व्यापार, यात्रा या शिक्षा से संबंधित कार्य के लिए अलग-अलग नक्षत्र चुने जाते हैं।
  • तिथि और वार का मेल: नक्षत्र के साथ तिथि और वार का भी ध्यान रखना जरूरी होता है। शुभ मुहूर्त में इनका संतुलन जरूरी है।
  • ग्रहों की स्थिति: नक्षत्र के साथ ग्रहों की स्थिति का भी ध्यान रखा जाता है। शुभ नक्षत्र में भी ग्रहों की अशुभ स्थिति होने पर कार्य टाल देना चाहिए।


27 नक्षत्रों के लिए शुभ मुहूर्त

प्रत्येक नक्षत्र का अपना विशेष महत्व होता है और हर नक्षत्र किसी न किसी कार्य के लिए शुभ माना जाता है। आइए जानते हैं 27 नक्षत्रों के लिए कौन-कौन से शुभ मुहूर्त होते हैं:

  1. अश्विनी

    • शुभ कार्य: नई शुरुआत, व्यापार प्रारंभ, वाहन खरीद
    • समय: विवाह, यात्रा, चिकित्सा से जुड़े कार्य
  2. भरणी

    • शुभ कार्य: भूमि क्रय, भवन निर्माण, कानूनी कार्य
    • समय: संपत्ति से संबंधित गतिविधियाँ
  3. कृतिका

    • शुभ कार्य: युद्ध, शक्ति प्रदर्शन, अग्नि से संबंधित कार्य
    • समय: उद्योग, सैन्य कार्य
  4. रोहिणी

    • शुभ कार्य: विवाह, खेती-बाड़ी, सौंदर्य प्रसाधन
    • समय: व्यापार, संपत्ति क्रय
  5. मृगशिरा

    • शुभ कार्य: शिक्षा, यात्रा, कला, सांस्कृतिक कार्य
    • समय: ज्ञान और विद्या संबंधी कार्य
  6. आर्द्रा

    • शुभ कार्य: अनुसंधान, नए प्रयोग, गुप्त कार्य
    • समय: विज्ञान, तकनीकी कार्य
  7. पुनर्वसु

    • शुभ कार्य: गृह प्रवेश, निर्माण, शिक्षा, यात्रा
    • समय: घर से जुड़े कार्य, यात्रा
  8. पुष्य

    • शुभ कार्य: धार्मिक कार्य, धन संचय, चिकित्सा
    • समय: धन निवेश, धर्म और चिकित्सा संबंधी कार्य
  9. आश्लेषा

    • शुभ कार्य: गुप्त योजना, व्यापार, राजनीति
    • समय: निवेश, शक्ति प्रदर्शन
  10. मघा

  • शुभ कार्य: सत्ता प्राप्ति, समाजसेवा, नेता बनने के लिए
  • समय: प्रशासनिक कार्य, सामाजिक कार्य
  1. पूर्वाफाल्गुनी
  • शुभ कार्य: विवाह, आनंद के कार्य, कला और मनोरंजन
  • समय: विवाह, मित्रता, आनंद समारोह
  1. उत्तराफाल्गुनी
  • शुभ कार्य: नौकरी, नई शुरुआत, विवाह
  • समय: व्यापार, शिक्षा, विवाह
  1. हस्त
  • शुभ कार्य: हाथ के कार्य, निर्माण, शिल्पकला
  • समय: व्यापार, उद्योग, खेती
  1. चित्रा
  • शुभ कार्य: सौंदर्य, सजावट, कला
  • समय: निर्माण, डिजाइनिंग, सजावट
  1. स्वाति
  • शुभ कार्य: व्यापार, ज्ञान, संगीत, कला
  • समय: सौंदर्य और सांस्कृतिक कार्य
  1. विशाखा
  • शुभ कार्य: व्यापार, निर्माण, शिक्षा
  • समय: विद्या, व्यावसायिक कार्य
  1. अनुराधा
  • शुभ कार्य: मित्रता, रिश्ते, प्रेम, यात्रा
  • समय: सामाजिक कार्य, यात्रा
  1. ज्येष्ठा
  • शुभ कार्य: नेतृत्व, सत्ता, प्रशासन
  • समय: राजनैतिक और प्रशासनिक कार्य
  1. मूल
  • शुभ कार्य: चिकित्सा, आयुर्वेद, गहन अध्ययन
  • समय: अनुसंधान और चिकित्सा क्षेत्र
  1. पूर्वाषाढ़ा
  • शुभ कार्य: विवाह, शिक्षा, यात्रा
  • समय: जल संबंधी कार्य, विवाह
  1. उत्तराषाढ़ा
  • शुभ कार्य: प्रशासन, शिक्षा, नई योजनाएं
  • समय: नेतृत्व, उच्च पद की प्राप्ति
  1. श्रवण
  • शुभ कार्य: ज्ञान प्राप्ति, धर्म, यात्रा
  • समय: शिक्षा, धार्मिक कार्य, यात्रा
  1. धनिष्ठा
  • शुभ कार्य: संगीत, कला, संपत्ति खरीद
  • समय: ध्वनि और संगीत से जुड़े कार्य
  1. शतभिषा
  • शुभ कार्य: चिकित्सा, विज्ञान, अनुसंधान
  • समय: आयुर्वेद, अनुसंधान
  1. पूर्वाभाद्रपद
  • शुभ कार्य: धार्मिक कार्य, धन संचय, वास्तुकला
  • समय: धार्मिक और सांस्कृतिक कार्य
  1. उत्तराभाद्रपद
  • शुभ कार्य: गृह प्रवेश, विवाह, व्यापार
  • समय: घर और व्यापार संबंधित कार्य
  1. रेवती
  • शुभ कार्य: शिक्षा, यात्रा, स्वास्थ्य
  • समय: संतान से संबंधित कार्य, शिक्षा, व्यापार

निष्कर्ष

नक्षत्र के आधार पर मुहूर्त निकालना हिंदू धर्म में एक प्राचीन परंपरा है। इससे कार्यों में सफलता की संभावना बढ़ती है और जीवन में समृद्धि आती है। पंचांग और अनुभवी ज्योतिषियों की मदद से सही मुहूर्त का चयन करना जरूरी है।

शुभ नक्षत्र देखने के लिए पंचांग देखे


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